08 जुलाई, 2011

विश्वेश्वराय वरदाय

विश्वेश्वराय वरदाय

विश्वेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय ,
लंबोदराय सकलाय जगध्दिताय।
नागाननाय श्रुतियग्यविभुसिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मेरे पितामह स्वर्गीय श्री सीता राम तिवारी

 पितामह श्री सीता राम तिवारी जी की स्मृती जीवन का चित्रण है: --- ✍️ साहित्यिक-काव्यात्मक परिचय टैरिया की धरती का गौरव, सलेमपुर-देवरिया की पह...