विश्वेश्वराय वरदाय
विश्वेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय ,
लंबोदराय सकलाय जगध्दिताय।
नागाननाय श्रुतियग्यविभुसिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
लंबोदराय सकलाय जगध्दिताय।
नागाननाय श्रुतियग्यविभुसिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गए जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गए मुड़ मुड़ कर पीछे देखा था जाते ...
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