06 जुलाई, 2011

गरब न कीजै बावरे / मलूकदास








गरब न कीजै बावरे / मलूकदास


गरब न कीजै बावरे, हरि गरब प्रहारी।
गरबहितें रावन गया, पाया दुख भारी॥१॥
जरन खुदी रघुनाथके, मन नाहिं सुहाती।
जाके जिय अभिमान है, ताकि तोरत छाती॥२॥
एक दया और दीनता, ले रहिये भाई।
चरन गहौ जाय साधके रीझै रघुराई॥३॥
यही बड़ा उपदेस है, पर द्रोह न करिये।
कह मलूक हरि सुमिरिके, भौसागर तरिये॥४॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

गौतम इंटर कालेज पिपरा रामधर देवरिया उत्तर प्रदेश

 एक संस्थागत स्मृति-पत्र (Institutional Note / Tribute)  --- 🏫 गौतम इंटर कॉलेज, पिपरा रामधर, देवरिया (उ.प्र.) 📖 पर...