09 जून, 2011

भक्त अपने भगवान से.

भक्त अपने भगवान से.
 

खेल खेलिला राउर नज़ारा रहल,
हम नाचीं ला राउर इशारा रहल.
चाहे प्यारा रहल या किनारा रहल,
जे बा आईल राउरे सहारा रहल.

चाहे निमन भईल चाहे बाउर भईल,
सम्मान अपमान राउर भईल.
हम नाचिला राउर इसारा रहल,
चाहे भूसी भईल चाहे चाउर भईल.

रउरा भेजले  बानी हम आईल बानी,
भोर डल लीं हमहूँ भुलाईल बानी.
जब पवली ना राउर सुरतिया कभी.
राउरे माया में अजहूँ लुभाईल बानी.
---रामेश्वर नाथ तिवारी

 

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