अब भगवान पैदा कर...मेरा कहना अगर मानो तो,एक इन्सान पैदा कर.सम्हाले डोलती नैया,बना बलवान पैदा कर.तुम्हारे ही इसारे पर,सभी ये दृश्य आते हैं.हमारी प्रार्थना तुमसे ,अब सम्मान पैदा कर.हजारों कुर्सियां रोतीं की ,सहभागी नहीं भेजा.ये हमने देख ली दुनिया,कोई अनजान पैदा कर.पढ़ा है हमने दृश्यों को,कोई दुर्भाग्य लिखा है.डूबाने को ही भेजे हो,यहाँ नादान पैदा कर,मिलीं हैं लाख तस्बीरें,लगे नफरत के हैं रिश्ते.अब एक तस्बीर में भरकर ,श्रद्धा ,इमान पैदा कर.अगर बर्बाद करने के ,तमाशे हो रहे तेरे,हमारो दर्शनों के वास्ते,अब भगवान पैदा कर.---रामेश्वर नाथ तिवारी
08 जून, 2011
अब भगवान पैदा कर...
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