देश के प्रशासनिक इतिहास में यह अपनी तरह की अनूठी घटना है। दरअसल,
पिता-पुत्री के कलेक्टर बनने के तो कई उदाहरण मिल जाएंगे, लेकिन एक ही समय
में दोनों के कलेक्टर बनना संयोग ही है।
राजस्थान के आरएएस अधिकारी शिव कुमार अग्रवाल बूंदी के कलेक्टर हैं,
जबकि उनकी बेटी आईएएस अफसर शालिनी गुजरात के तापी में। शिवकुमार इसी साल
सितंबर में कलेक्टर बनाए गए तो कुछ दिन बाद अक्टूबर में उनकी बेटी भी
कलेक्टर बन गई।
शिव कुमार अग्रवाल का कहना है कि उनके लिए जीवन में बेटी का कलेक्टर
बनना सबसे बड़ी खुशी है। उनकी बेटी शालिनी ने कहा कि उनके साथी अधिकारियों
को जब जानकारी मिली तो सबने कहा कि अलग-अलग समय तो पिता और बेटी कलेक्टर
बनते देखे और सुने हैं, लेकिन यह तो सुखद आश्चर्य है। वे कहती हैं कि
उन्हें अपने पिता के प्रशासनिक अनुभवों का काफी फायदा मिलता है।
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