18 जुलाई, 2010

आध्यात्मिक लडाई





केहू कहेला ना आयेब, 
केहू कहेला ना जाएब . 


दूई रंग के दुनिया बा.
जेयीसन ढूढ़ब ओईसन पाएब.


ना लाभ भईल ना हानि भईल, 


पर चक्कर रोज सतावेला ,


मोह के पन्छि उड़ी उड़ी के,


फेरू डाली पर आवेला . 

सन्गवा लेके कुछ ना अयीली. 

सन्गवा लेके ना जाइब, 

फिर भी नित आपन हम कहली, 

अयीसन मूरख कहवा पाईब. 

जे आवेला फिर चली जाला , 

उनसे कौन मिताई बा. 

जौन आवे फिर से जा सके, 

अयीसन कहवा प्रभुताई बा. 

जौन एक सनातन बात रहल , 

डाली डाली छितरायील बा. 

जब मूल के बतीया भूल गाईल  

अंखिया पर परदा आईल बा. 

यही से केहु हिंदू बा , 

कहु सिख ईसाई बा. 

अंतर में बसल एक तत्व  

जे ना बुझे खाइबा. 

जब हम रहली टू ना आईल, 

अब तू रहॅब हम ना आईब. 

बैरी बनके तब तू रहल , 



तोहरा से हीत कहा पाईब. 

जब हम हमार माया सवार , 

हम रहली तू रहल फरार, 

हम तोहरे पर निर्भर बानी , 

बतलाव के बा गुनहगार. 

केहु तोहरा के क़ा जानी, 

जबतक तू राह में अईब ना. 

अँखियाई कैसे के देखी , 

जब तक दिल में बस जाईब ना. 

जब दूई बसल बा दिलवा में, 

सत के बतिया कहीं खो जाला. 

तोहरे चरणं की धूलि से , 

कल्याण जगत के हो जाला. 

तू बाट लगवल दुनिया में , 

हम आपन हिस्सा लेईब ना. 

आख़िर तू हमरे ही हौअ, 

तोहरा में हिस्सा देइब ना. 

तू हमारे घर में घुसी अईल,, 

हम तोहरे घर मे घुस जाइब . 

तू हमारा के अपनईब जब, 

हम भी तोहरा के अपनाईब. 

नर नारी से दुनिया बाते , 

तोहरे से नर नारी बा. 

रूप दूनो जब तोहरे , 

हमरा काहे भ्रम भारी बा. 

तू न्यायधिश बनिके अयील , 

हमारे तोहरा से लड़ाई बा. 

तू हार मान आपन सुख, 

ये ही में जगत भलाई बा. 

तू सत्या हऊव सुंदर हऊव, 

कल्याण जगत के हो जाला, 

झूठ बनल जब दुनिया बा, 

तोहरा के पाके खो जाला. 

कुछ अर्थ रहल कुछ व्यर्थ रहल, 

अर्थ व्यर्थ मे दुनिया बा. 

केहु के देखलि साधू बा , 

केहु के देखलि खूनिया बा. 

जे अपना के पहचान लिहल , 

ना जन्मे ला ना मरेला.' 

तन में बिरमल पन्छि समान, 
  1. परहीलाहीलाभवतारेला.
  1. -अवधेश कुमार तिवारी

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