केहू कहेला ना आयेब,
केहू कहेला ना जाएब .
ई दूई रंग के दुनिया बा.
जेयीसन ढूढ़ब ओईसन पाएब.
ना लाभ भईल ना हानि भईल,
पर चक्कर रोज सतावेला ,
मोह के पन्छि उड़ी उड़ी के,
फेरू डाली पर आवेला .
सन्गवा लेके कुछ ना अयीली.
त सन्गवा लेके ना जाइब,
फिर भी नित आपन हम कहली,
अयीसन मूरख कहवा पाईब.
जे आवेला फिर चली जाला ,
त उनसे कौन मिताई बा.
जौन आवे फिर से जा न सके,
अयीसन कहवा प्रभुताई बा.
जौन एक सनातन बात रहल ,
डाली डाली छितरायील बा.
जब मूल के बतीया भूल गाईल
अंखिया पर परदा आईल बा.
यही से केहु हिंदू बा ,
कहु सिख ईसाई बा.
अंतर में बसल एक तत्व
जे ना बुझे त खाइबा.
जब हम रहली टू ना आईल,
अब तू रहॅब हम ना आईब.
बैरी बनके तब तू रहल ,
तोहरा से हीत कहा पाईब.
जब हम हमार माया सवार ,
हम रहली तू रहल फरार,
हम तोहरे पर निर्भर बानी ,
बतलाव के बा गुनहगार.
केहु तोहरा के क़ा जानी,
जबतक तू राह में अईब ना.
अँखियाई कैसे के देखी ,
जब तक दिल में बस जाईब ना.
जब दूई बसल बा दिलवा में,
सत के बतिया कहीं खो जाला.
तोहरे चरणं की धूलि से ,
कल्याण जगत के हो जाला.
तू बाट लगवल दुनिया में ,
हम आपन हिस्सा लेईब ना.
आख़िर तू हमरे ही हौअ,
तोहरा में हिस्सा देइब ना.
तू हमारे घर में घुसी अईल,,
हम तोहरे घर मे घुस जाइब .
तू हमारा के अपनईब जब,
हम भी तोहरा के अपनाईब.
नर नारी से दुनिया बाते ,
तोहरे से नर नारी बा.
ई रूप दूनो जब तोहरे ह,
हमरा काहे भ्रम भारी बा.
तू न्यायधिश बनिके अयील ,
हमारे तोहरा से लड़ाई बा.
तू हार मान ल आपन सुख,
ये ही में जगत भलाई बा.
तू सत्या हऊव सुंदर हऊव,
कल्याण जगत के हो जाला,
ई झूठ बनल जब दुनिया बा,
तोहरा के पाके खो जाला.
कुछ अर्थ रहल कुछ व्यर्थ रहल,
ई अर्थ व्यर्थ मे दुनिया बा.
केहु के देखलि साधू बा ,
केहु के देखलि खूनिया बा.
जे अपना के पहचान लिहल ,
ना जन्मे ला ना मरेला.'
तन में बिरमल पन्छि समान,
- परहीलाहीलाभवतारेला.
- -अवधेश कुमार तिवारी
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