रंगीन सजी महफ़िल है मगर ,
दुल्हन को करारों ने लूटा .
एक दिव्य प्रभा की अस्मद को ,
नव लाख सितारों ने लूटा .
बागो में फूल खिले ऐसे,
मन मधुप न जाए फिर कैसे ?
खामोश बना दिलदार मगर ,
प्यार बहारों ने लूटा .
आँखों में अँधेरी जो छाई ,
वाहन को सवारों ने पायी .
अपने ही अपना ज्ञान नहीं,
ईमान सवारों ने लूटा.
नदियों में बिषमता की धारा ,
कोइ जीता कोई हारा .
धारा के बिषम इरादों को,
उस पार किनोरों ने लूटा.
एक दिव्य प्रभा की अस्मद को ,
नव लाख सितारों ने लूटा .
बागो में फूल खिले ऐसे,
मन मधुप न जाए फिर कैसे ?
खामोश बना दिलदार मगर ,
प्यार बहारों ने लूटा .
आँखों में अँधेरी जो छाई ,
वाहन को सवारों ने पायी .
अपने ही अपना ज्ञान नहीं,
ईमान सवारों ने लूटा.
नदियों में बिषमता की धारा ,
कोइ जीता कोई हारा .
धारा के बिषम इरादों को,
उस पार किनोरों ने लूटा.
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