गिनती त जानीं जानि , लेकिन जोरे के न आइल .
जोरल बाटे जहाँ , तोरे के न आइल .
एक के करिश्मा , नौ के मेहेरबानी.
खेलि ये के बचपन , उल्ज़झल जवानी.
हासिल होला नाही दिन निगि चाईल .
गिनती त जानीं जानि , लेकिन जोरे के न आइल
जोरे के जहवां , ऊहें घटांई .
जहाँ घटावेके , उहँवे बढ़ायी ,
उलझन उल्झेला , छोरे के न आएल .
गिनती ता जानि , लेकिन जोरे के न आएल..
पांच से बनल बा , घूमे चौरासी .
आवेला निन्नानवे, ता गरवा में फांसी.
मिलेला गुनक् फल ,गुणक हेराएल .
गिनती त जानीं जानि , लेकिन जोरे के न आइल
आवेला अन्हरिया त, बंधन लगावे ,
ईहे करत मौन, जिनगी सेराईल .
-अवधेश कुमार तिवारी
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