31 अगस्त, 2025

यादें .....

अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गए 

जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गए 
मुड़ मुड़ कर पीछे देखा था जाते जाते कई उसने 
जैसे उसे कुछ कहना था जो वो कहना भूल गया





सजा बन जाती है गुज़रे हुए वक़्त की यादें 

न जाने क्यों छोड़ जाने के लिए मेहरबान होते हैं लोग




यादों का इक झोंका आया हम से मिलने बरसों बाद 

पहले इतना रोये न थे जितना रोये बरसों बाद 
लम्हा लम्हा उजड़ा तो ही हम को एहसास हुआ 
पत्थर आये बरसों पहले शीशे टूटे बरसों बाद



ऐ दिल किसी की याद में होता है बेकरार क्यों 

जिस ने भुला दिया तुझे , उस का है इंतज़ार क्यों 
वो न मिलेगा अब तुझे , जिस की तुझे तलाश है 
राहों में आज बे-कफ़न तेरी बेवफ़ाई की लाश है



फासलों ने दिल की क़ुर्बत को बढ़ा दिया 

आज उस की याद ने बे हिसाब रुला दिया 
उस को शिकायत है के मुझे उस की याद नहीं 
हम ने जिस की याद में खुद को भुला दिया

दिल को तेरा सुकूँ दे वो ग़ज़ल कहाँ से लाऊँ 

भूल के ग़ज़ल अपनी तेरी ग़ज़ल कैसे सजाऊँ 
दिल में उतार जाएं वो लफ़ज़ कहाँ से लाऊँ 
भूल के कुछ यादें तेरी, याद कैसे दिल में बसाऊँ

मेरे पितामह स्वर्गीय श्री सीता राम तिवारी

 पितामह श्री सीता राम तिवारी जी की स्मृती जीवन का चित्रण है:


---

✍️ साहित्यिक-काव्यात्मक परिचय

टैरिया की धरती का गौरव,
सलेमपुर-देवरिया की पहचान।
सीता राम तिवारी थे पितामह,
संस्कार जिनके अनुपम दान॥

धैर्य, धर्म और कर्म की गाथा,
जिनसे मिली जीवन की परिभाषा।
वो दीप बने परिवार-समाज के,
जगमगाता जिनसे आभास॥

उसी परंपरा के सच्चे उत्तराधिकारी,
रामेश्वर नाथ तिवारी का है उदय।
लेखन, चिंतन, संस्कृति की साधना,
जन-जन तक संदेशी सुरभि का प्रवाह॥

भोजपुरी का रस, संस्कृत का तेज,
काव्य में गूँजे जीवन-संदेश।
विचारों से रचे जो अमर पथ,
वो तिवारी वंश के सच्चे रत्न॥
रामेश्वर नाथ तिवारी 







रामेश्वर नाथ तिवारी




---

✍️ Rameshwar Nath Tiwari – Tairia Salempur, Deoria Uttar Pradesh 274509...

परिचय

रामेश्वर नाथ तिवारी जी का जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के सलेमपुर तहसील के ग्राम टैरिया में हुआ। आप एक सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले, शिक्षा और संस्कृति के प्रति समर्पित व्यक्ति हैं। अपनी लेखनी और विचारों के माध्यम से आपने समाज, परंपरा और आध्यात्मिकता को जोड़ने का कार्य किया है।

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा

ग्राम्य परिवेश में पले-बढ़े रामेश्वर नाथ तिवारी जी ने कठिन परिश्रम और लगन से शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा के क्षेत्र में आपकी यात्रा ने न केवल व्यक्तिगत विकास किया बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी।

सेवा एवं योगदान

सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के पश्चात आप लेखन, अध्ययन और सामाजिक संवाद में सक्रिय हैं।

आपने अपने अनुभव और ज्ञान को ब्लॉग एवं सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करना शुरू किया।

आपकी रचनाओं में जीवन-दर्शन, अध्यात्म, लोकगीत, संस्कृति और मानवीय मूल्यों का सुंदर संगम दिखाई देता है।


साहित्यिक और सांस्कृतिक झुकाव

भोजपुरी लोकगीतों, कविताओं और श्लोकों में आपकी गहरी रुचि है।

आप अक्सर संस्कृत श्लोकों और भारतीय संस्कृति के आदर्शों को आधुनिक जीवन से जोड़ते हैं।


वर्तमान गतिविधियाँ

आजकल आप अपने ब्लॉग (rntiwari1.wordpress.com) और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से अपने विचारों, कविताओं और अनुभवों को लोगों तक पहुँचा रहे हैं।
आपका उद्देश्य है कि ग्राम टैरिया, सलेमपुर, देवरिया का नाम दूर-दूर तक पहुँचे और वहाँ की सांस्कृतिक धरोहर सबके सामने आए।

संदेश

आपका जीवन संदेश है —
👉 “कर्म ही जीवन का वास्तविक धन है, और कृतज्ञता ही सच्ची खुशी।”






01 अगस्त, 2025

Elephanta Caves..


एलीफेंटा की गुफाएँ (Elephanta Caves):
समुद्र की लहरों के बीच बसी एक चट्टान... और उस पर छिपा एक अद्भुत संसार — एलीफेंटा। मुंबई से थोड़ी दूरी पर स्थित यह द्वीप मंदिर-कला का वह मोती है, जिसे देख कर खुद भगवान शिव भी कहें — "वाह! मेरी लीला इतनी सुंदर किसी ने और कहाँ रची?"


---

🌊 संक्षिप्त परिचय:

📍 स्थान: एलीफेंटा द्वीप, मुंबई से लगभग 11 किमी समुद्र के रास्ते

🕉️ धार्मिक महत्व: मुख्य रूप से शिव को समर्पित

🪨 प्रमुख गुफाएँ: कुल 7 गुफाएँ, जिनमें 5 हिन्दू और 2 बौद्ध गुफाएँ हैं

🏆 विश्व धरोहर: 1987 में यूनेस्को द्वारा घोषित



---

🌟 मुख्य आकर्षण:

🙏 त्रिमूर्ति (Trimurti Sadashiva):

20 फीट ऊँची यह मूर्ति शिव के तीन रूपों का प्रतिनिधित्व करती है:

अघोर (विनाशक)

वामदेव (सौम्य)

तत्पुरुष (सृष्टिकर्ता)


➡️ देखने में ऐसा लगेगा जैसे शिव जी ने सेल्फी मोड में ट्रिपल पोज दे दिया हो — और वो भी शिल्प में!

🐂 नंदी मंडप:

मुख्य गुफा के सामने स्थित है, जहाँ शिव का प्रिय वाहन नंदी विराजमान है।
थोड़ी देर वहां बैठिए, लगेगा जैसे कोई प्राचीन संगीत हवा में तैर रहा है।

💥 अंधकासुर वध, गंगा अवतरण, अर्धनारीश्वर, रावण द्वारा कैलाश हिलाना — ये सभी शिल्प कहानियाँ नहीं, एक सजीव मंचन जैसी लगती हैं।


---

🧭 कैसे पहुँचे:

गेटवे ऑफ इंडिया से नाव द्वारा: लगभग 1 घंटा लगेगा

फेरी सेवा: सुबह 9 से शाम 5 बजे तक, आखिरी बोट लौटने की टाइमिंग देखना मत भूलिए — वरना आप शिव के साथ रात्रि विश्राम कर सकते हैं 😄



---

🧠 रोचक तथ्य:

‘एलीफेंटा’ नाम पुर्तगालियों ने दिया था — उन्हें वहाँ एक विशाल हाथी की मूर्ति दिखी थी। मूर्ति अब मुंबई के भाऊ दाजी लाड संग्रहालय में है।

असली नाम है: घारापुरी (Gharapuri) — मतलब 'गुफाओं का नगर'।



---

✨ निचोड़:

> "एलीफेंटा केवल एक दर्शनीय स्थल नहीं, यह एक अनुभव है — जो आपको समय के समुद्र में डुबकी लगाकर भगवान की मूर्तिमय कहानी सुनाता है।"



अगर चाहें तो मैं इस पर एक SEO-friendly ब्लॉग पोस्ट या YouTube स्क्रिप्ट भी तैयार कर सकता हूँ! कहिए जनाब, आगे बढ़ें? 😄📸

 

Life & Spirituality in INDIA

       Life & Spirituality in India Life and spirituality are most common subjects which every individual tries ...