मोमोज़
नॉर्थ ईस्ट की यह डिश कैसे बन गई इतनी पॉपुलर ??
मोमो का मतलब मोमो एक चाइनीज़ शब्द है जिसका मतलब है भाप में पकी हुई रोटी
मोमोज़ एक ऐसी डिश है जिसे एक बार खाने पर दिल बार बार उसी को चाहता है। यह ना केवल दिल्ली और लखनऊ में ही फेमस है बल्कि साउथ में भी लोग इसे बड़ी अच्छी तरह से पहचानने लगे हैं। आप इन्हें सड़कों पर भी बिकता हुआ देख सकते हैं और बडे़-बडे़ रेस्ट्रॉन्ट्स में भी।
लखनऊ के 20 नवाबी जायके जिन्हें खाने के बाद आप भी कहेंगे वाह जनाब बिना तेल-मसाले की यह डिश स्टीम में पकाई जाती है इसलिये शायद यह सभी के दिल पर राज करती है। पर क्या आपने सोंचा है कि पूरे भारत में बिकने वाला मोमोज़ भला यहां तक पहुंचा कैसे? लोग मानते हैं कि मोमोज़, नॉर्थ ईस्ट का खाना है, जहां से यह आया है।
ऐसे बनाइये टेस्टी मोमोज मोमोज़ तिब्बत और नेपाल की पारंपरिक डिश है जहां से यह आई। लेकिन नॉर्थ ईस्ट में शिलांग एक ऐसी जगह है जहाँ अन्य राज्यों की तुलना में सबसे स्वादिष्ट मोमो बिकते हैं। यहां पर मीट से तैयार किये मोमो ज्यादा खाए जाते हैं। इन 8 भारतीय खानों ने विदेशों में भी मारी है बाजी शिलांग में मोमोज़ एक चीनी समुदाय दृारा लाया गया था, जो चीन से आ कर शिलांग में बस गया था। और फिर उसी समुदाय ने चाइनीज़ फूड, जिसमें खास तौर पर मोमोज़ (पारंपरिक तिब्बती) की शुरुआत की।इन लोगों का अहम आहार है मोमोज़ वहीं दूसरी ओर मोमोज़, अरुणाचल प्रदेश के मोनपा और शेरदुकपेन जनजाति, जिसका बॉर्डर पूरी तरह से तिब्बत से जुड़ा हुआ है, उनके आहार का भी एक अहम हिस्सा है। इन जगहों पर मोमोज़ की फिलिंग में पोर्क और सरसों की पत्तियां तथा अन्य हरी सब्जियां भर कर डाली जाती हैं और फिर इसे तीखी मिर्च के पेस्ट के साथ सर्व किया जाता है।
सिक्किम तक कैसे पहुंचा मोमोज़ अब आइये बात करते हैं कि मोमोज़ सिक्किम तक कैसे पहुंचा? यहां पर मोमोज़, भूटिया, लेपचा और नेपाली समुदायों की वजह से पहुंचा, जिनके आहार का हिस्सा मोमोज़ रहा करता था। सिक्किम में जो मोमोज़ बनाए जाते हैं, वह तिब्बती मोमोज़ जैसा ही होता है। 1960 के दशक में बहुत भारी संख्या में तिब्बतियों ने अपने देश से पलायन किया, जिसकी वजह से उनकी कुज़ीन भारत के सिक्किम, मेघालय, पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग और कलिमपोंग के पहाड़ी शहरों और दिल्ली तक पहुंच गई।
किस चीज़ की होती है फिलिंग सिक्किम में बीफ और पोर्क मोमोज़ में भरने के लिये एक पारंपरिक चीज़ मानी जाती है। लेकिन यहां का क्राउड तो चिकन, वेजिटेबल और चीज़ से भरे मोमोज़ का खासा दीवाना है।
मोमो या डिमसम ? जहां मोमो नेपाल, तिब्बत और भूटान में मोमोज़ के नाम से जाना जाता है वहीं मोमोज़ चाइना में अलग नाम "डिमसम" के नाम से जाना जाता है। चाइनीज़ डिमसम में सूअर का मांस,बीफ, झींगा, सब्जियां और टोफू आदि भरे जाते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें