हॉकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद
क्रिकेट में सर डॉन ब्रैडमैन और फुटबॉल में पेले को जो मुकाम हासिल है, हॉकी में ध्यानचंद का वही स्थान है। इंटरनैशनल हॉकी में उन्हें एक हजार से ज्यादा गोल करने का गौरव हासिल है।
मेजर ध्यानचंद के बारें में कुछ रोचक तथ्य:
१. एक बार एक मैच में लगातार कईं प्रयासों के बाद भी ध्यानचंद गोल करने में असफल हो रहे थे| अंत में उन्होंने ने गोल पोस्ट की लम्बाई को लेकर रेफरी से शिकायत की और जब गोल पोस्ट की लम्बाई नापी गयी तो सच में गोल पोस्ट की लम्बाई नियमों के अनुसार छोटी थी|
२. १९३६ के ओलंपिक में जब भारत अपना पहला मैच खेलने के लिए उतरा तो हजारों -लाखों की संख्या में लोग यह मैच देखने आये क्यूंकि मैच से एक दिन पूर्व एक जर्मन समाचारपत्र ने भारत के मैच को जादू का खेल नाम दिया और अगले दिन पूरे जर्मन में पोस्टर लग गए की होकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का आज मैच|
३. १९३६ के बर्लिन ओलंपिक्स में मेजर ध्यानचंद का खेल देखने के बाद वहां की तानाशाह हिटलर ने मेजर ध्यानचंद को जर्मन नागरिकता तथा जर्मन सेना में कर्नेल पद की पेशकश की थी|
४. होल्लैंड में एक बार विरोधी टीम के कहने पर रेफरी ने मेजर ध्यानचंद की होकी स्टिक तोड़ दी थी सिर्फ यह जाने के लिए की कहीं उसके अन्दर चुम्बक तो नहीं है|
५. एक बार एक खेल में एक औरत ने उन्हें अपनी चलने वाली छड़ी से खेलने को कहा और मेजर ध्यानचंद ने उससे भी कई गोल किये|
६. १९३५ में ऑस्ट्रेलिया में सर डोन ब्रेडमेन ने ध्यानचंद का खेल देखकर कहा था कि आप गोल ऐसे करते हो जैसे क्रिकेट में रन बनते हैं |
७. ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में चार होकी स्टिक पकड़े चार हाथों वाली उनकी मूर्ति स्थापित है जो उनके खेल कौशल को दर्शाता है|
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