इस
आपाधापी की जिदंगी मे क्या जिंदगी जीना वाकई मे कष्ट्दायक है … अधिकतर
लोगॊं का मानना यही है लेकिन लियो बाबूटा ऐसा नही मानते । जीवन जटिल भी हो
सकता है अगर ह्मारी सोच ऐसी बन चुकी हैं लेकिन Thich Nhat Hanh के शब्दों
मे सरल जीवन जीने की कला मात्र छ्ह शब्दों पर केन्द्रित है , ’ मुस्कराओ ,
साँस लो और धीरे-२ चलो ’
अगर जीवन जीने के लिये इन छह शब्दों का पालन
करेगें तो जीवन आसान हो सकता है लेकिन इसके अलावा इस आधुनिक युग मे कुछ और
दिशानिर्देशों की आवशयकता है जैसे :
कम टी.वी. देखें और अधिक पढें ।
कम खरीददारी करे और अधिक बाहर निकले ।
कम अव्यवस्था फ़ैलाये और व्यवस्थित जीवन जियें ।
कम जल्दवाजी मचायें और काम को आराम से करें ।
कम खपत करें और अधिक बनायें ।
कम जंक फ़ूड खायें और अधिक कुदरती खाने पर जायें ।
कम बिजी रहे लेकिन प्रभावी रुप से रहें ।
कम ड्राइविंग करें लेकिन अधिक टहलें ।
कम शोर लेकिन अधिक एकांत ढूँढें।
भविष्य पर कम ध्यान दें लेकिन वर्तमान पर अधिक देखें ।
कम काम करें और अधिक खेले ।
कम चिंता करें और चेहरे पर अधिक मुस्कान लायें ।
सोशन नेट वर्किंग साइट का प्रयोग कम करें लेकिन वास्तविक जिदंगी में अधिक मित्र बनायें
कम खपत करें और अधिक बनायें ।
कम जंक फ़ूड खायें और अधिक कुदरती खाने पर जायें ।
कम बिजी रहे लेकिन प्रभावी रुप से रहें ।
कम ड्राइविंग करें लेकिन अधिक टहलें ।
कम शोर लेकिन अधिक एकांत ढूँढें।
भविष्य पर कम ध्यान दें लेकिन वर्तमान पर अधिक देखें ।
कम काम करें और अधिक खेले ।
कम चिंता करें और चेहरे पर अधिक मुस्कान लायें ।
सोशन नेट वर्किंग साइट का प्रयोग कम करें लेकिन वास्तविक जिदंगी में अधिक मित्र बनायें
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