03 मार्च, 2012

BHARTIY SANSKRITI

 अपनी भारत की संस्कृति को पहचाने ---
 दो पक्ष - कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष ! 
तीन ऋण - देव ऋण, पित्र ऋण एवं ऋषि त्रण!
 चार युग - सतयुग , त्रेता युग , द्वापरयुग एवं कलयुग ! 
चार धाम - द्वारिका , बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम !
 चारपीठ - शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम), गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं श्रन्गेरिपीठ ! 
चर वेद- ऋग्वेद , अथर्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद ! 
चार आश्रम - ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , बानप्रस्थ एवं संन्यास ! 
चार अंतःकरण - मन , बुद्धि , चित्त , एवंअहंकार !
 पञ्च गव्य - गाय का घी , दूध , दही , गोमूत्र एवं गोबर , ! 
पञ्च देव - गणेश , विष्णु , शिव , देवी और सूर्य !
 पंच तत्त्व - प्रथ्वी , जल , अग्नि , वायु एवं आकाश ! 
छह दर्शन - वैशेषिक , न्याय , सांख्य, योग , पूर्व मिसांसा एवं दक्षिण मिसांसा !
 सप्त ऋषि - विश्वामित्र , जमदाग्नि , भरद्वाज , गौतम , अत्री , वशिष्ठ और कश्यप ! 
 सप्त पूरी - अयोध्या पूरी , मथुरा पूरी, माया पूरी ( हरिद्वार ) , कशी , कांची ( शिन कांची - विष्णु कांची ) , अवंतिकाऔर द्वारिका पूरी ! 
आठ योग - यम , नियम, आसन , प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान एवं समाधी! आठ लक्ष्मी - आग्घ , विद्या , सौभाग्य , अमृत , काम , सत्य , भोग , एवं योग लक्ष्मी !
 नव दुर्गा - शैल पुत्री , ब्रह्मचारिणी , चंद्रघंटा , कुष्मांडा, स्कंदमाता , कात्यायिनी , कालरात्रि ,महागौरी एवं सिद्धिदात्री !
 दस दिशाएं - पूर्व , पश्चिम , उत्तर , दक्षिण , इशान , नेत्रत्य , वायव्य आग्नेय ,आकाश एवं पाताल ! 
मुख्या ग्यारह अवतार - मत्स्य , कच्छप, बराह , नरसिंह , बामन , परशुराम , श्री राम , कृष्ण , बलराम , बुद्ध , एवं कल्कि! 
 बारह मास - चेत्र , वैशाख , ज्येष्ठ,अषाड़ , श्रावन , भाद्रपद , अश्विन , कार्तिक , मार्गशीर्ष . पौष , माघ , फागुन ! बारह राशी - मेष , ब्रषभ , मिथुन , कर्क ,सिंह , तुला , ब्रश्चिक , धनु , मकर , कुम्भ , एवं कन्या ! 
बारह ज्योतिर्लिंग - सोमनाथ , मल्लिकर्जुना , महाकाल , ओमकालेश्वर , बैजनाथ , रामेश्वरम , विश्वनाथ , त्रियम्वाकेश्वर , केदारनाथ , घुष्नेश्वर , भीमाशंकर एवं नागेश्वर !
 पंद्रह तिथियाँ - प्रतिपदा , द्वतीय , तृतीय , चतुर्थी , पंचमी , षष्ठी , सप्तमी , अष्टमी , नवमी , दशमी , एकादशी ,द्वादशी , त्रयोदशी , चतुर्दशी , पूर्णिमा , अमावश्या ! 
स्म्रतियां - मनु , विष्णु, अत्री , हारीत , याज्ञवल्क्य , उशना , अंगीरा , यम , आपस्तम्ब , सर्वत , कात्यायन , ब्रहस्पति , पराशर , व्यास , शांख्य , लिखित , दक्ष , शातातप , वशिष्ठ !

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यादें .....

अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गए  जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गए  मुड़ मुड़ कर पीछे देखा था जाते ...