24 मई, 2012

सपना क्या है?





सपना क्या है?

देख रहा हूँ, सपना क्या है?
सपना है ,तो अपना क्या है ?
घिरा हुआ ,अविरल घेरे में ,
कैसे जानूँ , क्या तेरे में ?
बंधन चक्कर, जब अजेय है,
निस वासर, ये तपना क्या है?
देख रहा हूँ, सपना क्या है.
सपना है, तो अपना क्या है?

राजा था ,क्यों रंक हो गया ?
ज्ञानी था, तो कहाँ खो गया ?
पता नहीं ,जब कोई किसी का,
नाम लिए ,और जपना क्या है?
देख रहा हूँ, सपना क्या है........

पाना खोना, खोना पाना,
क्या कैसा है ,किसने जाना ?
सब कुछ है ,और कुछ भी नहीं है ,
ऐसे में ये, कल्पना क्या है ?
देख रहा हूँ ,सपना क्या है.........

क्या जानूँ , की सत्य कौन है ?
समझ न पाऊं, दिष्टि मौन है .
शांति चित्त बन जाये जिस छन ,
अति आनंद बरसना क्या है ?
देख रहा हूँ .............

यह भी मैं, और वह भी मैं हूँ,
जड़ भी मैं ,और चेतन मैं हूँ .
समय चक्र का, फंदा सारा,
सृस्ती जगत , भरमना  क्या है ?
देख रहा हूँ ,सपना क्या है,
सपना है तो अपना क्या है ?

अवधेश कुमार तिवारी

1 टिप्पणी:

  1. राजा था ,क्यों रंक हो गया ?
    ज्ञानी था, तो कहाँ खो गया ?
    पता नहीं ,जब कोई किसी का,
    नाम लिए ,और जपना क्या है?
    देख रहा हूँ, सपना क्या है......
    ------
    क्या बात है ?

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