मैं पूछता हूँ बनके सवाली ,
मुझको बताओ ई दुनिया के माली.
राजा है कोई कोई भिखारी ,
कहीं झोपड़ी है कहीं है अटारी ,
यह भेद दुनिया में क्यों कर लगाली .
मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
कहीं फूलमाला गले में लगादी ,
कहीं नंगे पांवो में कांटे चुभा दी .
कोई याद है और किसी को भूलादी.
मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
गरीबों के दिल में जगह है तुम्हारी ,
वे ही याद करते हैं बनके पुजारी .
दिल है तुम्हारा काहें दर्द खाली .
मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
तूहीं हो मालिक गरीबी से नाता ,
केवल बिधाता ही दुनिया में दाता .
करते हो जग की तुम्ही रखवाली .
मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
तूं लक्ष्मी के लक्ष्मी तुम्हारी,
तुमसे अलग रहती तेरी नारी.
जहां बस गए लक्ष्मी को हटाली
.मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
- अवधेश कुमार तिवारी
मुझको बताओ ई दुनिया के माली.
राजा है कोई कोई भिखारी ,
कहीं झोपड़ी है कहीं है अटारी ,
यह भेद दुनिया में क्यों कर लगाली .
मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
कहीं फूलमाला गले में लगादी ,
कहीं नंगे पांवो में कांटे चुभा दी .
कोई याद है और किसी को भूलादी.
मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
गरीबों के दिल में जगह है तुम्हारी ,
वे ही याद करते हैं बनके पुजारी .
दिल है तुम्हारा काहें दर्द खाली .
मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
तूहीं हो मालिक गरीबी से नाता ,
केवल बिधाता ही दुनिया में दाता .
करते हो जग की तुम्ही रखवाली .
मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
तूं लक्ष्मी के लक्ष्मी तुम्हारी,
तुमसे अलग रहती तेरी नारी.
जहां बस गए लक्ष्मी को हटाली
.मुझको बताओ ई दुनिया के माली..
- अवधेश कुमार तिवारी
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