13 जून, 2024

Mr.Manoj Joshi.(मनोज जोशी














Discussing Chankya Play ........

Memorable moments with Mr.Manoj Joshi.
Manoj Joshi (मनोज जोशी) is an Indian film and television actor. He began his career in Marathi theatre, also putting up performances in Gujarati and Hindi theatre. He has also acted in over 60 films since 1998, many of his roles being comedy.
Manoj Joshi hails from Adapodara village near Himatnagar in north Gujarat.
 



Manoj Joshi is an Indian film and television actor. He began his career in Marathi theatre, also putting up performances in Gujaratiand Hindi theatre. He has also acted in over 60 films since 1998, many of his roles being comedy.
He acted in TV series including ChanakyaEk Mahal Ho Sapno KaRau (Marathi), SangdilKabhi Souten Kabhi SaheliKhichdi,Mura Raska Mai La (Marathi). He debuted in Sarfarosh (SI Bajju) alongside his brother who played Bala Thakur in the film. His other works include the film Hungama followed by HulchulDhoomBhagam BhagPhir Hera PheriChup Chup KeBhool Bhulaiyaa,[and Billo Barber.
He also portrayed Chanakya in Chakravartin Ashoka Samrat.






नीर क्षीर विवेक

नीर क्षीर विवेके हंस आलस्यम् त्वम् एव तनुषे चेत् ।
विश्वस्मिन् अधुना अन्य: कुलव्रतं पालयिष्यति क: ॥
अरे हंस यदि तुम ही पानी तथा दूध भिन्न करना छोड दोगे तो दूसरा कौन तुम्हारा यह कुलव्रत का पालन कर सकता है ? यदि बुद्धि वान् तथा कुशल मनुष्य ही अपना कर्तव्य करना छोड दे तो दूसरा कौन वह काम कर सकता है 

हमेशा याद रखना अच्छे दिनों के लिए हमेशा बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है

हमेशा याद रखना अच्छे दिनों के लिए हमेशा बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है

हापुस आम







हापुस आमों की सबसे बेहतरीन किस्म महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में स्थित सिंधुदुर्ग जिले की तहसील देवगढ़ में उगायी जाती है, साथ ही सबसे अच्छे आम सागर तट से 20 किलोमीटर अंदर की ओर स्थित जमीन पर ही उगते हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र का रत्नागिरि जिला, गुजरात के दक्षिणी जिले वलसाड और नवसारी भी हाफूस की पैदावार के लिए प्रसिद्ध हैं।

दर्जन के हिसाब से बिकता है .कोंकण क्षेत्र के हापुस आम की मांग अमेरिका, यूरोप, अरब देशों समेत अफ्रीका व एशिया के कई देशों में है। नासिक के लासलगांव केंद्र की इरेडिएशन मशीन से अमेरिका को करीब 25 हजार दर्जन हापुस आमों का निर्यात हरसाल किया जाता रहा है। पर अब वाशी स्थित रेडियेशन मशीन के लग जाने से निर्यात की मात्रा में दुगुनी से भी अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है। वाशी फलमंडी के निदेशक संजय पानसरे का कहना है अमेरिका के लिए निर्यात शुरू हो गया है, पहले हमें लासलगांव जाना पड़ता था लेकिन अब वाशी में ही इस सुविधा के शुरू होने से ज्यादा आम निर्यात किया जा सकेगा। फिलहाल आम महंगा है इसलिए डिमांड कम है, लेकिन अगले हफ्ते तक डिमांड बढ़ने की पूरी उम्मीद है।

हापुस आम या किसी भी अन्य आम या फल तथा सब्जी आदि को खाने योग्य बनाने के लिए उनका निर्जन्तुकरण (इरेडियेशन प्रक्रिया) की जाती है। इस प्रक्रिया से गुजारने के लिए हापुस आमों को मशीन में डाला जाता है। इससे आमों के भीतर मौजूद हर किस्म के कीटाणु व जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इस प्रक्रिया में हापुस आम 60 डिग्री सेल्शियस तापमान वाली मशीन से गुजारे जाते हैं। इस दौरान मशीन के भीतर गामा किरणों के विकिरण से आमों के भीतर मौजूद संभावित कीटाणुओं व जीवाणुओं को नष्ट कर दिया जाता है। इससे हापुस आमों के पकने में भी मदद मिलती है।



Elephanta Caves..


 

ओम या ॐ के 10 रहस्य और चमत्कार

ओम या ॐ के 10 रहस्य और चमत्कार


1. नाद : इस ध्वनि को कहते हैं। अनाहत अर्थात जो किसी आहत या टकराहट से पैदा नहीं होती बल्कि स्वयंभू है। इसे ही नाद कहा गया है। ओम की ध्वनि एक शाश्वत ध्वनि है जिससे ब्रह्मांड का जन्म हुआ है। एक ध्वनि है, जो किसी ने बनाई नहीं है। यह वह ध्वनि है जो पूरे कण-कण में, पूरे अंतरिक्ष में हो रही है और मनुष्य के भीतर भी यह ध्वनि जारी है। सहित ब्रह्मांड के प्रत्येक गृह से यह ध्वनि बाहर निकल रही है।

2. ब्रह्मांड का जन्मदाता : पुराण मानता है कि नाद और बिंदु के मिलन से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। नाद अर्थात ध्वनि और बिंदु अर्थात शुद्ध प्रकाश। यह ध्वनि आज भी सतत जारी है। ब्रह्म प्रकाश स्वयं प्रकाशित है। परमेश्वर का प्रकाश। इसे ही शुद्ध प्रकाश कहते हैं। संपूर्ण ब्रह्मांड और कुछ नहीं सिर्फ कंपन, ध्वनि और प्रकाश की उपस्थिति ही है। जहां जितनी ऊर्जा होगी वहां उतनी देर तक जीवन होगा। यह जो हमें सूर्य दिखाई दे रहा है एक दिन इसकी भी ऊर्जा खत्म हो जाने वाली है। धीरे-धीरे सबकुछ विलिन हो जाने वाला है। बस नाद और बिंदु ही बचेगा।

3. ओम शब्द का अर्थ : ॐ शब्द तीन ध्वनियों से बना हुआ है- अ, उ, म...। इन तीनों ध्वनियों का अर्थ उपनिषद में भी आता है। अ मतलब अकार, उ मतलब ऊंकार और म मतलब मकार। 'अ' ब्रह्मा का वाचक है जिसका उच्चारण द्वारा हृदय में उसका त्याग होता है। 'उ' विष्णु का वाचक हैं जिसाक त्याग कंठ में होता है तथा 'म' रुद्र का वाचक है और जिसका त्याग तालुमध्य में होता है।

4. ओम का आध्यात्मिक अर्थ : ओ, उ और म- उक्त तीन अक्षरों वाले शब्द की महिमा अपरम्पार है। यह नाभि, हृदय और आज्ञा चक्र को जगाता है। यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक भी है और यह भू: लोक, भूव: लोक और स्वर्ग लोग का प्रतीक है। ओंकार ध्वनि के 100 से भी अधिक अर्थ दिए गए हैं।
5. मोक्ष का साधन : ओम ही है एकमात्र ऐसा प्रणव मंत्र जो आपको अनहद या मोक्ष की ओर ले जा सकता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार मूल मंत्र या जप तो मात्र ओम ही है। ओम के आगे या पीछे लिखे जाने वाले शब्द गोण होते हैं। प्रणव ही महामंत्र और जप योग्य है। इसे प्रणव साधना भी कहा जाता है। यह अनादि और अनंत तथा निर्वाण, कैवल्य ज्ञान या मोक्ष की अवस्था का प्रतीक है। जब व्यक्ति निर्विचार और शून्य में चला जाता है तब यह ध्वनि ही उसे निरंतर सुनाई देती रहती है।

6. प्रणव की महत्ता : शिव पुराण में प्रणव के अलग-अलग शाब्दिक अर्थ और भाव बताए गए हैं- 'प्र' यानी प्रपंच, 'ण' यानी नहीं और 'व:' यानी तुम लोगों के लिए। सार यही है कि प्रणव मंत्र सांसारिक जीवन में प्रपंच यानी कलह और दु:ख दूर कर जीवन के अहम लक्ष्य यानी मोक्ष तक पहुंचा देता है। यही कारण है ॐ को प्रणव नाम से जाना जाता है। दूसरे अर्थों में प्रणव को 'प्र' यानी यानी प्रकृति से बने संसार रूपी सागर को पार कराने वाली 'ण' यानी नाव बताया गया है। इसी तरह ऋषि-मुनियों की दृष्टि से 'प्र' अर्थात प्रकर्षेण, 'ण' अर्थात नयेत् और 'व:' अर्थात युष्मान् मोक्षम् इति वा प्रणव: बताया गया है। जिसका सरल शब्दों में मतलब है हर भक्त को शक्ति देकर जनम-मरण के बंधन से मुक्त करने वाला होने से यह प्रणव: है।

7. स्वत: ही उत्पन्न होता है जाप : ॐ के उच्चारण का अभ्यास करते-करते एक समय ऐसा आता है जबकि उच्चारण करने की आवश्यकता नहीं होती आप सिर्फ आंखों और कानों को बंद करके भीतर उसे सुनें और वह ध्वनि सुनाई देने लगेगी। भीतर प्रारंभ में वह बहुत ही सूक्ष्म सुनाई देगी फिर बढ़ती जाएगी। साधु-संत कहते हैं कि यह ध्वनि प्रारंभ में झींगुर की आवाज जैसी सुनाई देगी। फिर धीरे-धीरे जैसे बीन बज रही हो, फिर धीरे-धीरे ढोल जैसी थाप सुनाई देने लग जाएगी, फिर यह ध्वनि शंख जैसी हो जाएगी और अंत में यह शुद्ध ब्रह्मांडीय ध्वनि हो जाएगी।

8. शारीरिक रोग और मानसिक शांति हेतु : इस मंत्र के लगातार जप करने से शरीर और मन को एकाग्र करने में मदद मिलती है। दिल की धड़कन और रक्तसंचार व्यवस्थित होता है। इससे शारीरिक रोग के साथ ही मानसिक बीमारियां दूर होती हैं। काम करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसका उच्चारण करने वाला और इसे सुनने वाला दोनों ही लाभांवित होते हैं।
9. सृष्टि विनाश की क्षमता : ओम की ध्वनि में यह शक्ति है कि यह इस ब्रहमांड के किसी भी गृह को फोड़ने या इस संपूर्ण ब्रह्मांड को नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह ध्वनि सूक्ष्म से भी सूक्ष्म और विराट से भी विराट होने की क्षमता रखती है।

10. शिव के स्थानों पर होता रहता है ओम का उच्चारण : सभी ज्योतिर्लिंगों के पास स्वत: ही ओम का उच्चारण होता रहता है। यदि आप कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के क्षेत्र में जाएंगे, तो आपको निरंतर एक आवाज सुनाई देगी, जैसे कि कहीं आसपास में एरोप्लेन उड़ रहा हो। लेकिन ध्यान से सुनने पर यह आवाज 'डमरू' या 'ॐ' की ध्वनि जैसी होती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि हो सकता है कि यह आवाज बर्फ के पिघलने की हो। यह भी हो सकता है कि प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहां से 'ॐ' की आवाजें सुनाई देती हैं।

Meri Janm Bhoomi--TAIRIA (टैरिया) , Tahsil: SALEMPUR, District.DEORIA(UttarPradesh) -274509(India)




                           
Welcome To
Village: TAIRIA (
टैरिया) ,
Tahsil: SALEMPUR,
District.DEORIA(UttarPradesh)
-274509(India)

टैरिया नामक गाँव देवरिया जनपद  के सलेमपुर तहसील  से मात्र 3  किलोमीटर की दूरी पर सलेमपुर बरहज रोड पर स्थित है. पहले यह कहाँ स्थित है यह बताने के लिए कहा जाता था ,लोहरौली और बिराजमार के बिच में तिवारी जी लोगों का एक छोटा सा टोला है . सड़क मार्ग की दुर्लभता के कारन किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुँचाने में अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। http://www.indiamapped.com/uttar-pradesh/deoria/salempur/tairia/

            
 

स्व.पंडित सीता राम तिवारी

बाबा जी का प्रिय श्लोक
 आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं काञ्चनम्
वैदेहीहरणं जटायुमरणम् सुग्रीवसंभाषणम् |
वालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लङ्कापुरीदाहनम्
पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननं एतद्धिरामायणम् |

 इति श्रीरामायणसूत्र ||

               

                   स्व.पंडित अवधेश कुमार  तिवारी   

पिताजी का अचानक चले  जाना , जीवन  की    सबसे दुखद बेला होती है। रह रह कर यह वेदना हमें और कमजोर करती रहती है ........

 बाकी  जिंदगी तो   जीनी  ही पड़ेगी ......पिता जी यादों को सहेज कर रखें,  ऐसा लोग  समझाते हैं। जबकि ऐसा करना बड़ा मुश्किक्ल होता  है । 

Tairia is small village very close to Salempur only 3 KM distance from Salempur is situated on Sohnag Road/Barhaj Road , Post office : Sohnag,Tahsil &  Block: SALEMPUR, District Deoria -274509. Distance from Majhauliraj will be about 12 Km via Salempur. It is told that all families are from one person Late Shri Bhogi Baba,Shrimukh Sandilya Gotra Tiwari(Triprawar)who  migrated from Sohagaura (Gorakhpur).All families are so closely bonded with each other.It was told by My grand father Late Shri Sita Ram Tiwari that it was a jungle of Tairy trees (small trees)and the village was named after that.

 As per google maharaj:

 
Tairia ("Mims") Flowers (born January 9, 1981 in Tucson, Arizona) is an American softball player. She is best known for competing on the Gold medal winning United States National softball team. She played college softball at UCLA, the program with the most national championships in NCAA Division I softball, having won 10 of the 24 National Championships.


After searching entire google, NOTHING WAS AVAILABLE ABOUT TAIRIA VILLAGE , Hence,I decided to write this blog about TAIRIA Village.

  BUT NOTHING WAS AVAILABLE ABOUT TAIRIA VILLAGE

 

             पूज्य पिताजी श्री अवधेश कुमार तिवारी एवं माता जी




              पूरा  गाँव - एक परिवार
 कृतज्ञता वह सुकृत्य है जो व्यक्ति के सुसंस्कृत होने का भान कराती है, साथ ही उसे सामाजिक और सांसारिक भी बनाती है। कृतज्ञता एक संस्कार है। इससे संस्कारित व्यक्ति विनम्रता की मूर्ति होता है। जहां दूसरों की सहायता एवं सेवा करना उत्कृष्ट मानवीय कर्तव्य है वहीं संकट की विषम स्थिति में दूसरों द्वारा अपने प्रति की गई सहायता एवं सेवा के लिए कृतज्ञ व्यक्तित्व अपने हृदय में उसके प्रति विशेष आदर का भाव रखता है। सहृदयता का प्रतिकार वह विनम्र आभार द्वारा चुकाता है। धन्यवाद, साधुवाद, शुक्रिया आदि शब्द कृतज्ञता के सूचक शब्द मात्र ही नहीं,अपितु हार्दिक आभार के भार से नमित सुकर्म होते हैं।
कृपालुओं का सहयोग मिलता रहे, इसलिए इस शिष्टाचार के माध्यम से वह अपने व्यक्तित्व का उज्जवल एवं मानवीय पक्ष समाज के सामने प्रस्तुत करने के साथ ही एक आदर्श एवं प्रेरक उदाहरण भी बनना चाहता है। यह शिष्टाचार उसे सम्मान में सम्मानित नागरिकों की श्रेणी में खड़ा कर देता है। कृतज्ञता अनुग्रहकर्ता के प्रति अनुग्रहीत होने का भाव-ज्ञापन भी है। जहां अनुग्रहकर्ता वंदनीय एवं उसका कृत्य अभिनंदनीय होता है वहीं अनुग्रहीत होकर कृतज्ञता ज्ञापित न करने वाला निंदनीय होता है। कृतज्ञता के ज्ञापन से जहां एक ओर अनुग्रहकर्ता को अपने किए कार्य की महत्ता का ज्ञान एवं उसके कृतज्ञता रूपी प्रतिफल का आनंद प्राप्त होता है वहीं अनुग्रहीत को समय पर सहायता मिल जाने से संकट की विकरालता से मुक्त होने का सुख प्राप्त होता है। इससे दोनों पक्ष लाभान्वित एवं आनंदित होते हैं।कुछ लोग संकट काल में काम आने वाले महानुभावों के चिर ऋणी होने की अभिव्यक्ति द्वारा अपने कृतज्ञता संपन्न होने का परिचय देते हैं। कृतज्ञता एक सामान्य शिष्टाचार भी है। कृतज्ञ प्राणी अपने शिष्ट वचनों द्वारा कृपा करने वाले का आभार व्यक्त करता है। वह जानता है कि उसकी रत्तीभर की उदासीनता उसे भविष्य में इस प्रकार की कृपा से वंचित कर सकती है।
 

 टैरिया में जन्म प्राप्त होने पर मुझे गर्व है. एक ऐसा गाँव जिसके विषय में उस क्षेत्र के थानेदार को भी जानकारी नहीं होती थी.गौतम इंटर कॉलेज ,पिपरा रामधर जब नौवीं में पढ़ने गया ,उस समय बड़ी मुस्किल होती थी ,यह बताने में की यह गाँव कहाँ स्थित है.तब यही कहना पड़ता था---लोहरौली और बिराजमार के मध्य ब्राह्मणों का एक छोटा सा गाँव है.वर्ष  1976 में  जब मैं  गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने गया,उस समय स्थिति यह थी , अगर कोई मित्र अचानक घर आने का प्रयास किया तो उसे बैरिया आदि अनेक मिलते जुलते नाम वाले गांवो   और कहाँ कहाँ तक की यात्रा करनी पड़ी.आज स्थिति बदल गयी है. वैसे पहले भी अनेक प्रसिद्द लोग थे जिनका नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता था.उनमें से कुछ लोगों का उल्लेख करना सर्वथा समीचीन लगता है.
१.पंडित गजाधर तिवारी-प्रख्यात ज्योतिषी
२.पंडित सीता राम तिवारी मेरे पितामह , रेलवे कर्मचारी , वेहद धार्मिक एवं करुणामय व्यकतित्व.
३.पंडित मुक्ति नाथ  तिवारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी.
४.पंडित अवधेश कुमार तिवारी, मेरे पिताजी , विद्वान शिक्षक , कवि- हृदय,अत्यंत लोकप्रिय ,मनभावन व्यकतित्व.
५.पंडित राज किशोर  तिवारी, गाँव के पहले स्नातक B.H.U. से ,रेलवे कर्मचारी , विद्वान एवं निष्पक्ष व्यकतित्व.
६. पंडित राम छबीला   तिवारी, हंसमुख मिलनसार एवं संगीत प्रेमी
उक्त व्यक्ति आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृतियाँ सदैव हम लोगों का मार्गदर्शन करती रहेंगी ऐसा मेरा विश्वास है.पुरानी  पीढ़ी के बुज़ुर्ग पंडित बांके बिहारी  तिवारी-प्रख्यात ज्योतिषी एवं पंडित राधा कृष्ण तिवारी रेलवे कर्मचारी आज भी हमारे बीच जीवित हैं और उनके आशीर्वाद पूरा गाँव ही नहीं पूरा क्षेत्र लाभान्वित हो रहा है. 





Sometimes it happens in life that a man may be talented, brilliant, honest and hardworking. Yet, fortune may not smile on him. He may never make much headway in life in spite of being blessed with abundance of intelligence and despite having worked hard. Or there may be other misfortunes that strike him.


जन्मभूमि
सुरसरि सी सरि है कहा मेरू सुमेर समान।
जन्मभूमि सी भू नहीं भूमंडल में आन।।
.........................................
प्रतिदिन पूजें भाव से चढ़ा भक्ति के फूल।
नहीं जन्म भर हम सके जन्मभूमि को भूल।।

जन्मभूमि में हैं सकल सुख सुषमा समवेत।
अनुपम रत्न समेत हैं मानव रत्न निकेत।।
-- अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' 







              गाँव का काली माता का मंदिर

                    Rameshwar Nath Tiwari (1974)


                       R.N.Tiwari 1976

बचपन
बारबार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी
गया, ले गया तू जीवन की सब से मस्त खुशी मेरी।।

चिन्ता-रहित खेलना-खाना वह फिरना निर्भय स्वच्छन्द।
कैसे भूला जा सकता है बचपन का अतुलित आनन्द?

.................................................................
जिसे खोजती थी बरसों से अब जाकर उसको पाया।
भाग गया था मुझे छोड़कर वह बचपन फिर से आया।।

-सुभद्रा कुमारी चौहान







            


                  विवेकानंद तिवारी





                
              विवेकानंद तिवारी,विनय तिवारी,विजय शंकर तिवारी




                अनुराग  तिवारी एवं विवेकानंद तिवारी. 

                 
                  Rajeshwar Nath Tiwari






                My house at Village Tairia






The Person who made history--Rajeshwar Nath Tiwari ,Gram Pradhan.




          रामेश्वर नाथ तिवारी पूर्व प्रधान मंत्री चन्द्र शेखर जी के साथ 



 
          Hon. Justice A.K.Tripathi,Allahabad High Court & R.N.Tiwari 


विचारहीन व्यक्ति सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। यदि उसे जाने-अनजाने में सफलता मिल भी जाए तो उसका अहसास व अनुभव नहीं कर सकता। विचारों के बाद विवेक की जरूरत है। विचार विवेक के बाद उन्हें वर्तन करना जरूरी है। दो चित्त वाला मनुष्य सफल नहीं हो सकता है। वह जीवन में चार बातों को कभी न भूलें। मां, जन्मभूमि, जन्म संस्था व जन्म की भाषा। जिस जन्म भूमि ने उसको जन्म दिया उसकी सेवा करना भी इंसान का दायित्व है।





The very famous Digeshwar Nath temple ( Lord Shiva temple ) is located very lose to Majhauli Raj. This temple is very old temple which was renovated with self less efforts of Bangali Baba and help and cooperation of then D.M. of Deoria. After death of Bangali Baba, this place has become a place  of pilgimage.




We can reach TAIRIA  by four wheeler and Two wheeler within less than 20 minutes. Its nearest Railway station is Salempur Jn Approx.3KM.







PARSHURAM DHAM,SOHNAG, 
A place of cultural & historical importance 'ParashuramDham'where lord PARSHU- RAM of Ramayan were living & worshiping.
The famous Parasu Ram dham Sohnag, related to  Bhagwan Parasuram is just 7Km from Salempur .This place which was very famous for Sohnag Mela on Akshay Tritiya also called EKTIJIYA KA MELA. This place is associated with lord Parasuram's epic story. There is a pond which is always full of lotus flowers.

Salempur (Presently under Deoria District U.P.) was under Gupta and Pal dynasty. Due to thick forest all-around it was never invaded by Muslim rulers.
In Mugal period their representative Salim Khan was here which was the source of its name.Salempur was named after name of Salim Khan. It was under Majhauliraj.The Mall dynasty ruler.
One of the king of Majhauliraj accepted Islam as religion so the queen became angry and made her residence across the Bhat(a type of land) thus the name BhatparRani came into existence.




Deoria District came into existence on  March 16' 1946 from Gorakhpur district.The name DEORIA is derived from 'Devaranya' or probably 'Devpuria' as believed.According to official gazzettes,the district name 'deoria' is taken by its headquarter name 'Deoria'  and the term ' DEORIA' generally means a place where there are temples.  The name ' DEORIA' originated  by a fossil( broken) Shiva Temple by the side of 'kurna river' in its  northside.
This district is located between 26 ° 6' north and 27° 8'  to 83° 29'  east    and  84° 26' east longitude out of which district Kushinagar was created in 1994 by  taking north & east portion of Deoria district.District deoria is surrounded by district kushinagar in North, district Gopalganj & Siwan(Bihar state)in  East ,district Mau & district Ballia in south and district  Gorakhpur in West.Deoria district headquarter is situated at 53 km. milestone from Gorakhpur by road towards east.Ghaghara, Rapti & Chhoti Gandak are the main rivers in this district.



Welcome to Tairia  Village in Deoria District
Social and Developmental Canvas of the village
Statistical analysis base : Census 2001 unless mentioned otherwise

No of Households
22



Total Population176
Population below 06 yrs37
Male Population74
Population below 06 Male17
Female Population102
Population below 06 Female20
Total Agriculture Labour16


Marginal Agriculture Labour - Male5
Marginal Agriculture Labour - Female11
Literate Polulation109
 Illiterate Population67
Male Literate54
Male illiterate population20
Female Literate55
Female illiterate population47
No of Households
22

Working Population67
Main working population20


Main Working Population Male6
Main Working Population Female14
Main Casual Working Population3
Total Casual labour
Main Casual Working Population
Male
0
Main Casual Working Population
Female
3
Number of SC
33



Male SC Population13
Female SC Population20
Number of ST
0



Male ST Population0
Female ST Population0





बजट 2024.