Tahsil: SALEMPUR,
District.DEORIA(UttarPradesh)
-274509(India)टैरिया नामक गाँव देवरिया जनपद के सलेमपुर तहसील से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर सलेमपुर बरहज रोड पर स्थित है. पहले यह कहाँ स्थित है यह बताने के लिए कहा जाता था ,लोहरौली और बिराजमार के बिच में तिवारी जी लोगों का एक छोटा सा टोला है . सड़क मार्ग की दुर्लभता के कारन किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुँचाने में अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। http://www.indiamapped.com/uttar-pradesh/deoria/salempur/tairia/
स्व.पंडित सीता राम तिवारी
बाबा जी का प्रिय श्लोक
आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं काञ्चनम्
वैदेहीहरणं जटायुमरणम् सुग्रीवसंभाषणम् |
वालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लङ्कापुरीदाहनम्
पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननं एतद्धिरामायणम् |
इति श्रीरामायणसूत्र ||
स्व.पंडित अवधेश कुमार तिवारी
पिताजी का अचानक चले जाना , जीवन की सबसे दुखद बेला होती है। रह रह कर यह वेदना हमें और कमजोर करती रहती है ........
बाकी जिंदगी तो जीनी ही पड़ेगी ......पिता जी यादों को सहेज कर रखें, ऐसा लोग समझाते हैं। जबकि ऐसा करना बड़ा मुश्किक्ल होता है ।
Tairia is small village very close to Salempur only 3 KM distance from Salempur is situated on Sohnag Road/Barhaj Road , Post office : Sohnag,Tahsil & Block: SALEMPUR, District Deoria -274509. Distance from Majhauliraj will be about 12 Km via Salempur. It is told that all families are from one person Late Shri Bhogi Baba,Shrimukh Sandilya Gotra Tiwari(Triprawar)who migrated from Sohagaura (Gorakhpur).All families are so closely bonded with each other.It was told by My grand father Late Shri Sita Ram Tiwari that it was a jungle of Tairy trees (small trees)and the village was named after that.
As per google maharaj:
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Tairia ("Mims") Flowers
(born January 9, 1981 in Tucson, Arizona) is an American softball player. She
is best known for competing on the Gold medal winning United States National
softball team. She played college softball at UCLA, the program with the most
national championships in NCAA Division I softball, having won 10 of the 24 National
Championships.
After searching entire google, NOTHING WAS AVAILABLE ABOUT TAIRIA VILLAGE , Hence,I decided to write this blog about TAIRIA Village.
BUT NOTHING WAS AVAILABLE ABOUT TAIRIA VILLAGE
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पूरा गाँव - एक परिवार
कृतज्ञता वह सुकृत्य है जो व्यक्ति के सुसंस्कृत होने का भान कराती है, साथ ही उसे सामाजिक और सांसारिक भी बनाती है। कृतज्ञता एक संस्कार है। इससे संस्कारित व्यक्ति विनम्रता की मूर्ति होता है। जहां दूसरों की सहायता एवं सेवा करना उत्कृष्ट मानवीय कर्तव्य है वहीं संकट की विषम स्थिति में दूसरों द्वारा अपने प्रति की गई सहायता एवं सेवा के लिए कृतज्ञ व्यक्तित्व अपने हृदय में उसके प्रति विशेष आदर का भाव रखता है। सहृदयता का प्रतिकार वह विनम्र आभार द्वारा चुकाता है। धन्यवाद, साधुवाद, शुक्रिया आदि शब्द कृतज्ञता के सूचक शब्द मात्र ही नहीं,अपितु हार्दिक आभार के भार से नमित सुकर्म होते हैं।
कृपालुओं का सहयोग मिलता रहे, इसलिए इस शिष्टाचार के माध्यम से वह अपने
व्यक्तित्व का उज्जवल एवं मानवीय पक्ष समाज के सामने प्रस्तुत करने के साथ
ही एक आदर्श एवं प्रेरक उदाहरण भी बनना चाहता है। यह शिष्टाचार उसे सम्मान
में सम्मानित नागरिकों की श्रेणी में खड़ा कर देता है। कृतज्ञता
अनुग्रहकर्ता के प्रति अनुग्रहीत होने का भाव-ज्ञापन भी है। जहां
अनुग्रहकर्ता वंदनीय एवं उसका कृत्य अभिनंदनीय होता है वहीं अनुग्रहीत होकर
कृतज्ञता ज्ञापित न करने वाला निंदनीय होता है। कृतज्ञता के ज्ञापन से
जहां एक ओर अनुग्रहकर्ता को अपने किए कार्य की महत्ता का ज्ञान एवं उसके
कृतज्ञता रूपी प्रतिफल का आनंद प्राप्त होता है वहीं अनुग्रहीत को समय पर
सहायता मिल जाने से संकट की विकरालता से मुक्त होने का सुख प्राप्त होता
है। इससे दोनों पक्ष लाभान्वित एवं आनंदित होते हैं।
टैरिया में जन्म प्राप्त होने पर मुझे गर्व है. एक ऐसा गाँव जिसके विषय में
उस क्षेत्र के थानेदार को भी जानकारी नहीं होती थी.गौतम इंटर कॉलेज ,पिपरा
रामधर जब नौवीं में पढ़ने गया ,उस समय बड़ी मुस्किल होती थी ,यह बताने में
की यह गाँव कहाँ स्थित है.तब यही कहना पड़ता था---लोहरौली और बिराजमार के
मध्य ब्राह्मणों का एक छोटा सा गाँव है.वर्ष 1976 में जब मैं
गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने गया,उस समय स्थिति यह थी , अगर कोई मित्र अचानक घर आने का प्रयास किया तो उसे बैरिया आदि अनेक
मिलते जुलते नाम वाले गांवो और कहाँ कहाँ तक की यात्रा करनी पड़ी.आज
स्थिति बदल गयी है. वैसे पहले भी अनेक प्रसिद्द लोग थे जिनका नाम बड़े आदर
के साथ लिया जाता था.उनमें से कुछ लोगों का उल्लेख करना सर्वथा समीचीन लगता
है.
१.पंडित गजाधर तिवारी-प्रख्यात ज्योतिषी
२.पंडित सीता राम तिवारी मेरे पितामह , रेलवे कर्मचारी , वेहद धार्मिक एवं करुणामय व्यकतित्व.
३.पंडित मुक्ति नाथ तिवारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी.
४.पंडित अवधेश कुमार तिवारी, मेरे पिताजी , विद्वान शिक्षक , कवि- हृदय,अत्यंत लोकप्रिय ,मनभावन व्यकतित्व.
५.पंडित राज किशोर तिवारी, गाँव के पहले स्नातक B.H.U. से ,रेलवे कर्मचारी , विद्वान एवं निष्पक्ष व्यकतित्व.
६. पंडित राम छबीला तिवारी, हंसमुख मिलनसार एवं संगीत प्रेमी
उक्त व्यक्ति आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृतियाँ सदैव हम लोगों का मार्गदर्शन करती रहेंगी ऐसा मेरा विश्वास है.पुरानी पीढ़ी के बुज़ुर्ग पंडित बांके बिहारी तिवारी-प्रख्यात ज्योतिषी एवं पंडित राधा कृष्ण तिवारी रेलवे कर्मचारी आज भी हमारे बीच जीवित हैं और उनके आशीर्वाद पूरा गाँव ही नहीं पूरा क्षेत्र लाभान्वित हो रहा है.
१.पंडित गजाधर तिवारी-प्रख्यात ज्योतिषी
२.पंडित सीता राम तिवारी मेरे पितामह , रेलवे कर्मचारी , वेहद धार्मिक एवं करुणामय व्यकतित्व.
३.पंडित मुक्ति नाथ तिवारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी.
४.पंडित अवधेश कुमार तिवारी, मेरे पिताजी , विद्वान शिक्षक , कवि- हृदय,अत्यंत लोकप्रिय ,मनभावन व्यकतित्व.
५.पंडित राज किशोर तिवारी, गाँव के पहले स्नातक B.H.U. से ,रेलवे कर्मचारी , विद्वान एवं निष्पक्ष व्यकतित्व.
६. पंडित राम छबीला तिवारी, हंसमुख मिलनसार एवं संगीत प्रेमी
उक्त व्यक्ति आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृतियाँ सदैव हम लोगों का मार्गदर्शन करती रहेंगी ऐसा मेरा विश्वास है.पुरानी पीढ़ी के बुज़ुर्ग पंडित बांके बिहारी तिवारी-प्रख्यात ज्योतिषी एवं पंडित राधा कृष्ण तिवारी रेलवे कर्मचारी आज भी हमारे बीच जीवित हैं और उनके आशीर्वाद पूरा गाँव ही नहीं पूरा क्षेत्र लाभान्वित हो रहा है.
Sometimes it happens in life that a man may be talented, brilliant,
honest and hardworking. Yet, fortune may not smile on him. He may never make
much headway in life in spite of being blessed with abundance of intelligence
and despite having worked hard. Or there may be other misfortunes that strike
him.
जन्मभूमि
सुरसरि सी सरि है कहा मेरू सुमेर
समान।
जन्मभूमि सी भू नहीं भूमंडल में आन।।
.........................................
प्रतिदिन पूजें भाव से चढ़ा भक्ति के फूल।
नहीं जन्म भर हम सके जन्मभूमि को भूल।।
जन्मभूमि में हैं सकल सुख सुषमा समवेत।
अनुपम रत्न समेत हैं मानव रत्न निकेत।।
जन्मभूमि सी भू नहीं भूमंडल में आन।।
.........................................
प्रतिदिन पूजें भाव से चढ़ा भक्ति के फूल।
नहीं जन्म भर हम सके जन्मभूमि को भूल।।
जन्मभूमि में हैं सकल सुख सुषमा समवेत।
अनुपम रत्न समेत हैं मानव रत्न निकेत।।
-- अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
गाँव का काली माता का मंदिर
Rameshwar Nath Tiwari (1974)
R.N.Tiwari 1976
बचपन
बारबार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी
गया, ले गया तू जीवन की सब से मस्त खुशी मेरी।।
चिन्ता-रहित खेलना-खाना वह फिरना निर्भय स्वच्छन्द।
कैसे भूला जा सकता है बचपन का अतुलित आनन्द?
.................................................................
जिसे खोजती थी बरसों से अब जाकर उसको पाया।
भाग गया था मुझे छोड़कर वह बचपन फिर से आया।।
-सुभद्रा कुमारी चौहान
रामेश्वर नाथ तिवारी पूर्व प्रधान मंत्री चन्द्र शेखर जी के साथ
Hon. Justice A.K.Tripathi,Allahabad High Court & R.N.Tiwari
विचारहीन व्यक्ति सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। यदि उसे जाने-अनजाने में सफलता मिल भी जाए तो उसका अहसास व अनुभव नहीं कर सकता। विचारों के बाद विवेक की जरूरत है। विचार विवेक के बाद उन्हें वर्तन करना जरूरी है। दो चित्त वाला मनुष्य सफल नहीं हो सकता है। वह जीवन में चार बातों को कभी न भूलें। मां, जन्मभूमि, जन्म संस्था व जन्म की भाषा। जिस जन्म भूमि ने उसको जन्म दिया उसकी सेवा करना भी इंसान का दायित्व है।
The very famous Digeshwar Nath temple ( Lord Shiva temple ) is located very lose to Majhauli Raj. This temple is very old temple which was renovated with self less efforts of Bangali Baba and help and cooperation of then D.M. of Deoria. After death of Bangali Baba, this place has become a place of pilgimage.
We can reach TAIRIA by four wheeler and Two wheeler within less than 20 minutes. Its nearest Railway station is Salempur Jn Approx.3KM.
PARSHURAM DHAM,SOHNAG,
A place of cultural & historical importance 'ParashuramDham'where lord PARSHU- RAM of Ramayan were living & worshiping.
The famous Parasu Ram dham Sohnag, related to Bhagwan Parasuram is just 7Km from Salempur .This place which was very famous for Sohnag Mela on Akshay Tritiya also called EKTIJIYA KA MELA. This place is associated with lord Parasuram's epic story. There is a pond which is always full of lotus flowers.
Salempur (Presently under Deoria District U.P.) was under Gupta and Pal dynasty. Due to thick forest all-around it was never invaded by Muslim rulers.
In Mugal period their representative Salim Khan was here which was the source of its name.Salempur was named after name of Salim Khan. It was under Majhauliraj.The Mall dynasty ruler.
One of the king of Majhauliraj accepted Islam as religion so the queen became angry and made her residence across the Bhat(a type of land) thus the name BhatparRani came into existence.
Deoria District came into existence on March 16' 1946 from
Gorakhpur district.The name DEORIA is derived from 'Devaranya' or probably
'Devpuria' as believed.According to official gazzettes,the district name
'deoria' is taken by its headquarter name 'Deoria' and the term ' DEORIA'
generally means a place where there are temples. The name '
DEORIA' originated by a fossil( broken) Shiva Temple by the side of
'kurna river' in its northside.
This district is located between 26 ° 6' north and 27° 8'
to 83° 29' east and 84° 26' east longitude out of
which district Kushinagar was created in 1994 by taking north &
east portion of Deoria district.District deoria is surrounded by district kushinagar
in North, district Gopalganj & Siwan(Bihar state)in East
,district Mau & district Ballia in south and
district Gorakhpur in West.Deoria district headquarter is situated
at 53 km. milestone from Gorakhpur by road towards east.Ghaghara, Rapti &
Chhoti Gandak are the main rivers in this district.Welcome to Tairia Village in Deoria District
Social and Developmental Canvas of the village
Statistical analysis base : Census 2001 unless mentioned otherwise
No of Households |
22
| |||
Total Population | 176 | Population below 06 yrs | 37 | |
Male Population | 74 | Population below 06 Male | 17 | |
Female Population | 102 | Population below 06 Female | 20 | |
Total Agriculture Labour | 16 | |||
Marginal Agriculture Labour - Male | 5 | Marginal Agriculture Labour - Female | 11 | |
Literate Polulation | 109 | Illiterate Population | 67 | |
Male Literate | 54 | Male illiterate population | 20 | |
Female Literate | 55 | Female illiterate population | 47 | |
No of Households |
22
| Working Population | 67 | |
Main working population | 20 | |||
Main Working Population Male | 6 | Main Working Population Female | 14 | |
Main Casual Working Population | 3 | Total Casual labour | ||
Main Casual Working Population Male | 0 | Main Casual Working Population Female | 3 | |
Number of SC |
33
| |||
Male SC Population | 13 | Female SC Population | 20 | |
Number of ST |
0
| |||
Male ST Population | 0 | Female ST Population | 0 |