नोट छापने का खर्च :- 3 रूपये 95 पैसे में छपता है 1000 का नोट ( यह जानकारी सूचना के अधिकार कानून ( RTI )से मिली है ...
साभार :- Lokesh Kumar Prajapati
हमारे हाथ में आने वाला 1000 का लाल रंग का नोट रिजर्व बैंक 2.69 रुपये और 3.95 रुपये में छपवाता है। इसी तरह 10 रुपये का छोटा नोट 64 पैसे और 92 पैसे में छपता है। यह जानकारी आरबीआई ने एक आरटीआई कार्यकर्ता नंद किशोर कर्दम के सवाल के जवाब में दी है। कर्दम ने नोटों का दुरुपयोग कर माला आदि बनाने , मोड़ने , तोड़ने आदि हरकत करने वालों के खिलाफ हो सकने वाले कानून की जानकारी भी आरबीआई से मांगी थी , जिसके जवाब में आरबीआई ने बताया कि फिलहाल कोई सशक्त कानून नहीं होने के कारण वह लोगों से अपील ही कर सकते हैं।
पन्हेडा कलां गांव के निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट नंद किशोर कर्दम महज 10 वीं तक पढ़े हैं। एक सिक्युरिटी कंपनी में कार्यरत कर्दम आरटीआई के जरिये सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के साथ - साथ समाज को भी उनकी जिम्मेदारी का सबक सिखाना चाहते हैं। नेताओं के गले में डाले जाने वाले नोटों की मालाओं , मंडपों को सजाने में नोटों के इस्तेमाल , देव मूर्तियों को पहनाए जाने वाली मालाओं और लोगों के नोटों को तोड़ने - मरोड़ने की घटनाओं ने कर्दम का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया। उन्होंने आरबीआई से आरटीआई के माध्यम से नोटों का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कानून की जानकारी मांगी।
आश्चर्यजनक रूप से आरबीआई ने उन्हें बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम , 1934 या अन्य किसी प्रचलित अधिनियम में ऐसी हरकतों को रोकने के लिए कोई कानून मौजूद नहीं है। आरबीआई ने बताया कि वह लोगों को नोटों का दुरुपयोग न करने के लिए समझाते हैं। इसके लिए वह प्रेस नोट भी जारी करते हैं। कर्दम ने आरबीआई से नोटों को छापने पर आने वाले खर्च के बारे में भी जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में आरबीआई ने बताया कि वह दो कंपनियों भारत प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड ( एसपीएमसीआईएल ) और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड ( बीआरबीएनएमपीएल ) से नोट छपवाते हैं। बीआरबीएनएमपीएल और एसपीएमसीआईएल की छपाई के रेट में भी काफी अंतर है। जहां बीआरबीएनएमपीएल एक हजार के नोट को 2.69 पैसे ( 2 रूपये 69 पैसे )में छाप रही है , वहीं एसपीएमसीआईएल इसे 3.95 रुपये में छाप कर दे रही है।
नोट छापने का खर्च
नोट एसपीएमसीआईएल बीआरबीएनएमपीएल
पाँच रुपये 85 पैसे 58 पैसे
10 रुपये 92 पैसे 64 पैसे
20 रुपये 1.17 रुपये 95 पैसे
50 रुपये 1.54 रुपये 1.04 रुपये
100 रुपये 1.89 रुपये 1.34 रुपये
500 रुपये 3.09 रुपये 2.40 रुपये
1000 रुपये 3.95 रुपये 2.69 रुपये.
मित्रों अब सोचिये जरा की ये बड़े नोट रिश्वत लेने में , पाकिस्तान से छपके नकली नोट के रूप में भारत में वितरित होने में , सट्टा बाज़ार में भ्रष्टाचार करने में जमा करने में कितने कारगर हैं ...
जागो भारतियों जागो बड़े नोट जैसे 1000 , 500 के नोट भ्रष्टाचार और जमाखोरी , काले धन के रूप में देश को बहुत दरिद्र बना रहे है ...
हमें बड़े नोट बन्द करवाने की माँग करने वाले भारत स्वाभिमान व्यवस्था परिवर्तन आन्दोलन जो की स्वामी रामदेव जी के नेतृत्व में चल रहा है हमें उनके इस आन्दोलन को समर्थन देना चाहिए ...
साभार :- Lokesh Kumar Prajapati
हमारे हाथ में आने वाला 1000 का लाल रंग का नोट रिजर्व बैंक 2.69 रुपये और 3.95 रुपये में छपवाता है। इसी तरह 10 रुपये का छोटा नोट 64 पैसे और 92 पैसे में छपता है। यह जानकारी आरबीआई ने एक आरटीआई कार्यकर्ता नंद किशोर कर्दम के सवाल के जवाब में दी है। कर्दम ने नोटों का दुरुपयोग कर माला आदि बनाने , मोड़ने , तोड़ने आदि हरकत करने वालों के खिलाफ हो सकने वाले कानून की जानकारी भी आरबीआई से मांगी थी , जिसके जवाब में आरबीआई ने बताया कि फिलहाल कोई सशक्त कानून नहीं होने के कारण वह लोगों से अपील ही कर सकते हैं।
पन्हेडा कलां गांव के निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट नंद किशोर कर्दम महज 10 वीं तक पढ़े हैं। एक सिक्युरिटी कंपनी में कार्यरत कर्दम आरटीआई के जरिये सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के साथ - साथ समाज को भी उनकी जिम्मेदारी का सबक सिखाना चाहते हैं। नेताओं के गले में डाले जाने वाले नोटों की मालाओं , मंडपों को सजाने में नोटों के इस्तेमाल , देव मूर्तियों को पहनाए जाने वाली मालाओं और लोगों के नोटों को तोड़ने - मरोड़ने की घटनाओं ने कर्दम का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया। उन्होंने आरबीआई से आरटीआई के माध्यम से नोटों का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कानून की जानकारी मांगी।
आश्चर्यजनक रूप से आरबीआई ने उन्हें बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम , 1934 या अन्य किसी प्रचलित अधिनियम में ऐसी हरकतों को रोकने के लिए कोई कानून मौजूद नहीं है। आरबीआई ने बताया कि वह लोगों को नोटों का दुरुपयोग न करने के लिए समझाते हैं। इसके लिए वह प्रेस नोट भी जारी करते हैं। कर्दम ने आरबीआई से नोटों को छापने पर आने वाले खर्च के बारे में भी जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में आरबीआई ने बताया कि वह दो कंपनियों भारत प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड ( एसपीएमसीआईएल ) और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड ( बीआरबीएनएमपीएल ) से नोट छपवाते हैं। बीआरबीएनएमपीएल और एसपीएमसीआईएल की छपाई के रेट में भी काफी अंतर है। जहां बीआरबीएनएमपीएल एक हजार के नोट को 2.69 पैसे ( 2 रूपये 69 पैसे )में छाप रही है , वहीं एसपीएमसीआईएल इसे 3.95 रुपये में छाप कर दे रही है।
नोट छापने का खर्च
नोट एसपीएमसीआईएल बीआरबीएनएमपीएल
पाँच रुपये 85 पैसे 58 पैसे
10 रुपये 92 पैसे 64 पैसे
20 रुपये 1.17 रुपये 95 पैसे
50 रुपये 1.54 रुपये 1.04 रुपये
100 रुपये 1.89 रुपये 1.34 रुपये
500 रुपये 3.09 रुपये 2.40 रुपये
1000 रुपये 3.95 रुपये 2.69 रुपये.
मित्रों अब सोचिये जरा की ये बड़े नोट रिश्वत लेने में , पाकिस्तान से छपके नकली नोट के रूप में भारत में वितरित होने में , सट्टा बाज़ार में भ्रष्टाचार करने में जमा करने में कितने कारगर हैं ...
जागो भारतियों जागो बड़े नोट जैसे 1000 , 500 के नोट भ्रष्टाचार और जमाखोरी , काले धन के रूप में देश को बहुत दरिद्र बना रहे है ...
हमें बड़े नोट बन्द करवाने की माँग करने वाले भारत स्वाभिमान व्यवस्था परिवर्तन आन्दोलन जो की स्वामी रामदेव जी के नेतृत्व में चल रहा है हमें उनके इस आन्दोलन को समर्थन देना चाहिए ...