अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गए
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गए
मुड़ मुड़ कर पीछे देखा था जाते जाते कई उसने
जैसे उसे कुछ कहना था जो वो कहना भूल गया
सजा बन जाती है गुज़रे हुए वक़्त की यादें
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गए
मुड़ मुड़ कर पीछे देखा था जाते जाते कई उसने
जैसे उसे कुछ कहना था जो वो कहना भूल गया
सजा बन जाती है गुज़रे हुए वक़्त की यादें
न जाने क्यों छोड़ जाने के लिए मेहरबान होते हैं लोग
यादों का इक झोंका आया हम से मिलने बरसों बाद
पहले इतना रोये न थे जितना रोये बरसों बाद
लम्हा लम्हा उजड़ा तो ही हम को एहसास हुआ
पत्थर आये बरसों पहले शीशे टूटे बरसों बाद
पहले इतना रोये न थे जितना रोये बरसों बाद
लम्हा लम्हा उजड़ा तो ही हम को एहसास हुआ
पत्थर आये बरसों पहले शीशे टूटे बरसों बाद
ऐ दिल किसी की याद में होता है बेकरार क्यों
जिस ने भुला दिया तुझे , उस का है इंतज़ार क्यों
वो न मिलेगा अब तुझे , जिस की तुझे तलाश है
राहों में आज बे-कफ़न तेरी बेवफ़ाई की लाश है
जिस ने भुला दिया तुझे , उस का है इंतज़ार क्यों
वो न मिलेगा अब तुझे , जिस की तुझे तलाश है
राहों में आज बे-कफ़न तेरी बेवफ़ाई की लाश है
फासलों ने दिल की क़ुर्बत को बढ़ा दिया
आज उस की याद ने बे हिसाब रुला दिया
उस को शिकायत है के मुझे उस की याद नहीं
हम ने जिस की याद में खुद को भुला दिया
आज उस की याद ने बे हिसाब रुला दिया
उस को शिकायत है के मुझे उस की याद नहीं
हम ने जिस की याद में खुद को भुला दिया
दिल को तेरा सुकूँ दे वो ग़ज़ल कहाँ से लाऊँ
भूल के ग़ज़ल अपनी तेरी ग़ज़ल कैसे सजाऊँ
दिल में उतार जाएं वो लफ़ज़ कहाँ से लाऊँ
भूल के कुछ यादें तेरी, याद कैसे दिल में बसाऊँ
भूल के ग़ज़ल अपनी तेरी ग़ज़ल कैसे सजाऊँ
दिल में उतार जाएं वो लफ़ज़ कहाँ से लाऊँ
भूल के कुछ यादें तेरी, याद कैसे दिल में बसाऊँ