10 मई, 2012

वर्ष 2012 में 21 मई का दिन-अति दुर्लभ योग



 



वर्ष 2012 में 21 मई का दिन ज्योतिष की नजर से बेहद खास होगा क्योंकि इस समय 9 ग्रहों में से 6 ग्रह एक ही राशि में स्थित होंगे। यह एक अति दुर्लभ योग है। ऐसी ग्रह स्थिति बहुत कम बनती है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार 21 मई 2012 की रात से एक साथ 6 ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और केतु वृषभ राशि में रहेंगे। इस समय रोहिणी  नक्षत्र होगा। वृश्चिक राशि में स्थित राहु इन सभी 6 ग्रहों पर पूर्ण दृष्टि रखेगा। अन्य दो ग्रह शनि और मंगल का इनसे कोई संबंध नहीं रहेगा।

6 ग्रहों की यह स्थिति बुधवार 23 मई की सुबह 5.20 बजे तक रहेगी। पं. शर्मा के अनुसार इसके बाद चंद्र वृषभ से निकलकर मिथुन में चले जाएगा। तब वृषभ राशि में पंचग्रही योग बना रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में षष्ठग्रही एवं पंचग्रही योग को ठीक नहीं माना जाता। इस समय जन्म लेने वाले जातक जीवन में अधिकांश समय भ्रमीत हो सकते हैं तथा इनकी कुंडली कालसर्प से ग्रसित होगी।

पं. शर्मा बताते हैं कि इस ज्योतिषीय योग का असर पृथ्वी पर भी पड़ेगा। इस योग के प्रभाव से जलवायु में परिवर्तन होगा। इस समय शुक्र, शनि, राहु, केतु यह सभी मित्र ग्रह वक्री रहेंगे तथा शेष मित्र ग्रह मार्गी होंगे अर्थात इस काल में सभी के मन में सात्विक विचार बने रहेंगे। जनता अन्याय के प्रति आवाज उठाएगी। सरकार के लिए यह समय विपरित रहेगा। वृषभ राशि के लोगों को ज्यादा परेशानियां हो सकती हैं क्योंकि इसी राशि पर पूर्वी भारत सहित दुनिया के कुछ देशों में सूर्य ग्रहण भी लगेगा। इसके अलावा वृश्चिक पर भी मामुली नकारात्मक असर पडेगा।

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