30 सितंबर, 2023

टैरिया








टैरिया  , प्रसिद्ध सोहनाग मेला से २ किलोमीटर की दुरी पर स्थित है . उत्तर प्रदेश के जिला
देवरिया के अंतर्गत सलेमपुर नामक ब्लॉक एवं तहसील जिसे जिला बनाए जाने की चर्चा बड़े जोर शोर से बहुत दिनों से चलरही है . सबसे पहले सलेमपुर का नाम जब B B C ने बोल था तो पता चला भारत में सलेमपुर संसदीय छेत्र आबादी के हिसाब से विश्व का सबसे बड़ा संसदीय छेत्र है . इस छेत्र का संयोग यह रहा की ढेर सारी विविधताओं के बावजूद विकास की यात्रा में बहुत आगे नहीं बढ़ नहीं सका . राजनैतिक रूप से यह छेत्र ज्यादे महत्त्व पूर्ण नहीं रहा . इसके समीप वर्ती क्षेत्र से श्री चन्द्रशेखर बलिया से चुनाव लड़ते थे आजीवन जीतते भी रहे . वे देश के प्रधान मंत्री भी रहे .
जब भी मैं  टैरिया  के इतिहास एवं वर्तमान पर विचार करता हूँ तो लगता है यह ब्राह्मणो का एक शांति प्रिय गांव रहा है इतना शांत की इस छेत्र के दरोगा को भी पता नहीं रहता था की टेरिया गांव कहाँ है ?? कभी भी थाने जाने की नौबत नहीं आती थी . सब लोग इतना प्यार से आपस में मिल जुल कर रहते थे , की आपस में कटुता एवं वैमनष्य का प्रश्न ही नहीं उठता था . छोटा सा गांव था इसे टोला भी कह सकते थे , लेकिन यह एक स्वतंत्र गांव था .
कहते हैं बुढ़िया बारी के तिवारी बहुत प्रसिद्ध थे , कुछ तो परिस्थितियां ऐसी रही होंगी वे नए मुकाम की तलाश में लोहरौली आ गए थे . गांव वाले नहीं चाहते थे की वे यहाँ बसे. जहाँ बसे थे वहां जमीन का विवाद हो गया था , भोगी बाबा हल के सामने लेट गए . उन्हें लगा हल जोतने वाला रूक जायेगा , लेकिन ऐसा हुआ नहीं हल का फल उनके पेट से टकरा गया और उनकी वहीँ मृत्यु हो गयी . ब्रह्म हो गए ब्रह्म श्री भोगी बाबा . पूरा टेरिया भोगी बाबा का ही वशज है . टैरी के पेड़ों को काट कर गांव बसाए थे , इसलिए गांव नाम टेरिया पड़ा .
तिवारी परिवार बढ़ने लगा और बटवारा होने लगा इस प्रकार पूरा गांव बस गया . आवश्यकतानुसार हरिजन एवं दुसाध आकर बस गए थे . जिनका परिवार आगे   बढ़ता गया
क्रमशः

THE SITARAM KESRI CASE: HOW DYNASTY TRUMPED ETHICS

In his book  24 Akbar Lane , journalist Rasheed Kidwai reveals how, in 1998, senior Congressmen played dirty and bent every rule to...